Movie/Album: आज और कल (1963)
Music By: रवि
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: मोहम्मद रफ़ी
ये वादियाँ, ये फ़िज़ाएँ बुला रही हैं तुम्हें
खामोशियों की सदाएँ बुला रही हैं तुम्हें
ये वादियाँ, ये फ़िज़ाएँ...
तुम्हारी ज़ुल्फों से ख़ुश्बू की भीख लेने को
झुकी-झुकी सी घटाएँ बुला रही हैं तुम्हें
खामोशियों की सदाएँ...
हसीन चम्पई पैरों को जब से देखा है
नदी की मस्त अदाएँ बुला रही हैं तुम्हें
खामोशियों की सदाएँ...
मेरा कहा न सुनो, दिल की बात तो सुन लो
हर एक दिल की दुआएँ बुला रही हैं तुम्हें
खामोशियों की सदाएँ...
Music By: रवि
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: मोहम्मद रफ़ी
ये वादियाँ, ये फ़िज़ाएँ बुला रही हैं तुम्हें
खामोशियों की सदाएँ बुला रही हैं तुम्हें
ये वादियाँ, ये फ़िज़ाएँ...
तुम्हारी ज़ुल्फों से ख़ुश्बू की भीख लेने को
झुकी-झुकी सी घटाएँ बुला रही हैं तुम्हें
खामोशियों की सदाएँ...
हसीन चम्पई पैरों को जब से देखा है
नदी की मस्त अदाएँ बुला रही हैं तुम्हें
खामोशियों की सदाएँ...
मेरा कहा न सुनो, दिल की बात तो सुन लो
हर एक दिल की दुआएँ बुला रही हैं तुम्हें
खामोशियों की सदाएँ...
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