Movie/Album: विज़न्स वॉल्यूम २ (1992)
Music By: जगजीत सिंह
Lyrics By: बशीर बद्र
Performed By: जगजीत सिंह
कौन आया, रास्ते आईना-ख़ाने हो गए
रात रौशन हो गई, दिन भी सुहाने हो गए
कौन आया...
ये भी मुमकिन है कि मैंने उसको पहचाना न हो
अब उसे देखे हुए, कितने ज़माने हो गए
रात रौशन हो गई...
जाओ उन कमरों के आईने उठाकर फेंक दो
बे-अदब ये कह रहें हैं, हम पुराने हो गए
रात रौशन हो गई...
मेरी पलकों पर ये आँसू, प्यार की तौहीन हैं
उसकी आँखों से गिरे, मोती के दाने हो गए
रात रौशन हो गई...
Music By: जगजीत सिंह
Lyrics By: बशीर बद्र
Performed By: जगजीत सिंह
कौन आया, रास्ते आईना-ख़ाने हो गए
रात रौशन हो गई, दिन भी सुहाने हो गए
कौन आया...
ये भी मुमकिन है कि मैंने उसको पहचाना न हो
अब उसे देखे हुए, कितने ज़माने हो गए
रात रौशन हो गई...
जाओ उन कमरों के आईने उठाकर फेंक दो
बे-अदब ये कह रहें हैं, हम पुराने हो गए
रात रौशन हो गई...
मेरी पलकों पर ये आँसू, प्यार की तौहीन हैं
उसकी आँखों से गिरे, मोती के दाने हो गए
रात रौशन हो गई...
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.