रामचंद्र कह गए - Ramchandra Keh Gaye Siya Se Lyrics from Gopi

प्यारे पाठको, भजन गीत श्रेणी मैं प्रस्तुत है 'रामचंद्र कह गए सिया से' गीत के बोल हिंदी मैं. यह गीत साल १९७० मैं आयी फिल्म 'गोपी' से है. इस गीत के बोल/शब्द लिखे है राजेंद्र कृष्णजी ने और इसे अपने आवाज से सजाया है गायक महेंद्र कपूर ने. 'रामचंद्र कह गए सिया से' गीत को संगीत दिया है कल्याणजी-आनंदजी ने. इस फिल्म 'गोपी' मैं अभिनेता दिलीप कुमार साहब प्रमुख भूमिका मैं दिखे.

इस जानकारी के साथ पेश है, भजन 'रामचंद्र कह गए सिया से' गीत के बोल हिंदी मैं. जय सिया राम!




फिल्म / एल्बम : गोपी (1970)
संगीत दिया है: कल्याणजी-आनंदजी
गीत के बोल: राजेंद्र कृष्ण
गायक: महेंद्र कपूर

हे जी रे.. (4)

हे..
रामचंद्र कह गए सिया से (2)

ऐसा कलयुग आएगा

हंस चुगेगा दाना तुन का (2)

कौआ मोती खाएगा

हंस चुगेगा दाना तुन का
कौआ मोती खाएगा

हे जी रे..

रामचंद्र कह गए सिया से (2)

ऐसा कलयुग आएगा

हंस चुगेगा दाना तुन का (2)

कौआ मोती खाएगा

हंस चुगेगा दाना तुन का
कौआ मोती खाएगा

रामचंद्र कह गए सिया से..

सिया पूछे भगवान
कलयुग में धर्म - कर्म को
कोई नहीं मानेगा
तो प्रभु बोले

धर्म भी होगा कर्म भी होगा (2)

लेकिन शर्म नहीं होगी

बात बात में मात-पिता को (2)

बेटा आँख दिखाएगा...

हंस चुगेगा दाना तुन का
कौआ मोती खाएगा...
हे रामचंद्र कह गए सिया से..

राजा और प्रजा दोनों में
होगी निसिदिन खेचातानी खेचातानी...

कदम कदम पर करेंगे दोनों
अपनी अपनी मनमानी मनमानी...

जिसके हाथ में होगी लाठी (2)

भैंस वही ले जाएगा...
हंस चुगेगा दाना तुन का
कौआ मोती खाएगा... (2)

हे रामचंद्र कह गए सिया से..

सुनो सिया कलयुग में
काला धन और
काले मन होंगे
मन होंगे..

चोर उच्चक्के नगर सेठ
और प्रभु भक्त निर्धन होंगे..
निर्धन होंगे...

जो भी होगा लोभी भोगी (2)

वो जोगी कहलाएगा..

हंस चुगेगा दाना तुन का (2)

कौआ मोती खाएगा..

हंस चुगेगा दाना तुन का
कौआ मोती खाएगा...

हे रामचंद्र कह गए सिया से..

मंदिर सूना सूना होगा
भरी रहेगी मधुशाला
मधुशाला...

पिता के संग
संग भरी सभा में
नाचेगी घर की बाला...
घर की बाला...

हे.. कैसा कन्यादान
पिता ही
कैसा कन्यादान
पिता ही...
कन्या का धन खा जाएगा

हंस चुगेगा दाना तुन का (2)

कौआ मोती खाएगा...

हंस चुगेगा दाना तुन का

कौआ मोती खाएगा...

हे मूरख की प्रीत बुरी
जुए की जीत बुरी

बुरे संग बैठ ते भागे ही भागे
हे काजल की कोठरी में कैसे ही जतन करो

काजल का दाग भाई लागे ही लागे रे भाई
काजल का दाग भाई लागे ही लागे

हे जी रे...

कितना जती को कोई
कितना सती हो कोई
कामनी के संग काम
जागे ही जागे..

ऐ सुनो कहे गोपीराम
जिसका है नाम काम
उसका तो फंद गले लागे ही लागे रे भाई

उसका तो फंद गले लागे ही लागे..




    Ramchandra Keh Gaye Siya Se Lyrics from Gopi

    hey ji re.. (4)

    hey..
    ramchandra kah gaye siya se (2)

    aisa kalyug ayega

    hans chugega dana tun ka (2)

    kaua moti khayega

    hans chugega dana tun ka
    kaua moti khayega

    hey ji re..

    ramchandra kah gaye siya se (2)

    aisa kalyug ayega

    hans chugega dana tun ka (2)

    kaua moti khayega

    hans chugega dana tun ka
    kaua moti khayega

    ramchandra kah gaye siya se..

    siya puche bhagvan
    kalyug main dharm-karm ko
    koi nahi manega
    to prabhu bole

    dharm bhi hoga karm bhi hoga (2)

    lekin sharm nahi hogi

    baat baat mai mata-pita ko (2)

    beta aankh dikhayega...

    hans chugega dana tun ka
    kaua moti khayega...
    hey ramchandra kah gaye siya se..

    raja aur praja dono mai
    hogi nisidin khechatani khechatani...

    kadam kadam par karenge dono
    apani apani manmani manmani...

    jiske hhat mai hogi lathi (2)

    bhais vahi le jayega...
    hans chugega dana tun ka
    kaua moti khayega... (2)

    hey ramchandra kah gaye siya se..

    suno siya kalyug main
    kala dhan aur
    kale man honge
    man honge..

    chor uchhakke nagar seth
    aur prabhu bhakt nirdhan honge..
    nirdhan honge...

    jo bhi hoga lobhi bhogi (2)

    woh jogi jogi kahlayega..

    hans chugega dana tun ka (2)

    kaua moti khayega..

    hans chugega dana tun ka
    kaua moti khayega...

    hey ramchandra kah gaye siya se..

    mandir suna suna hoga
    bhari rahegi madhushala
    madhushala...

    pita ke sang
    sang bhari sabha mai
    nachegi ghar ki bala...
    ghar ki bala...

    hey.. kaisa kanyadan
    pita hi
    kaisa kanyadan
    pita hi...
    kanya ka dhan kha jayega

    hans chugega dana tun ka (2)

    kaua moti khayega...

    hans chugega dana tun ka

    kaua moti khayega...

    hey murkh ki prit buri
    juye ki jeet buri

    bure sang baith te bhage hi bhage
    hey kajal ki kothri mai kaise hi jatan karo

    kajal ka dag bhai lage hi lage re bhai
    kajal ka dag bhai lage hi lage

    hey ji re...

    kitna jati ko koi
    kitna sati ho koi
    kamni ke sang kam
    jage hi jage..

    ye suno kahe gopiram
    jisaka hai nam kam
    uska to fand gale lage hi lage re bhai

    uska to fand gale lage hi lage hi lage..

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